मैं अपनी जब चाह ना छोडूँ,
मैं अपनी तब राह ना छोडूँ,
कुछ तो पाने की उम्मीदें,
कुछ तो जीने की उमीदें,
मैं अपनी तब आस ना छोडूँ l
कुछ तो जीना जग में आए,
कुछ तो रहना जग में आए,
कुछ पाता हूँ, कुछ खोता हूँ,
फिर भी ना ये मन मुरझाए,
हर पल जीना, हर पल हँसना,
मैं तो दिल की चाह ना छोडूँ l
अपनापन जो दिल मै समाया,
फिर तो दिल का कमल मुस्कुराया,
जो सोचा कुछ अच्छा ही तो,
फिर ना कोई दिखे पराया,
चारो तरफ नजारे है फिर,
मैं जो प्रीत की राह ना छोडुं l
Comments