हे भगवान् बसो मेरे मन में,
हे घनश्याम बसो मेरे मन में,
तुम ही हो प्रमेश्वर् मालिक,
तुम ही सारे जहान के मालिक,
दीनानाथ बसो मेरे मन में l
हे घनश्याम बसो मेरे मन में,
तुम ही हो प्रमेश्वर् मालिक,
तुम ही सारे जहान के मालिक,
दीनानाथ बसो मेरे मन में l
पारबरहम सब जगत के मालिक,
सर्वेश्वर् सब विश्व के मालिक,
सब के अंदर बसने वाले,
सब के बाहर रहने वाले,
सीताराम बसो मेरे मन को l
तेरी दया अनुपमा भगवन,
तेरी कृपा है सबपे भगवन,
तेरे रूप अनेकों भगवन,
तेरा स्वरूप एक हे भगवान्,
राधेश्याम बसो मेरे मन में l
तेरे ही गुण नित्य नित्य गाउँ,
तेरे आगे शीश झुकाऊँ,
तेरी लीलाओं का अंत नही है,
नित्य नित्य तेरी महिमा गाउँ,
हे सुख़वान मेरे मन में l
Aman
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