मैं जो भी करूँ,
आपकी खुशी के लिए करूँ,
दुनियाँ के भले के लिए करूँ,
मेरा मुझमें कुछ भी नही है,
फिर किस बात का गुमान हो,
साँसें भी पाता हूँ आपसे,
फिर किस चीज का अभिमान हो,
मैं जो भी करूँ, इस दुनियाँ में,
जगत के भले के लिए करूँ l
जीवन में चलता ही रहा हूँ,
जीवन में चलते ही जाना है,
जीवन में आगे ही बढ़ा हूँ,
आगे ही बढ़ते जाना है,
जो भी पाया दुनियाँ से,
आपको मैं अर्पण करूँ l
पथ-भ्रष्ट नही हो पाऊँ,
अपनी मंजिल पर पहुँच जाऊँ,
जिस रास्ते को पकड़ा है,
उस रास्ते पर चलता जाऊँ,
छोड़कर मन की उलझन को,
मन में प्रेम का दीप जलाऊँ,
जो भी समय है जीवन में,
औरों के लिए, कुछ तो करूँ l
Thank You.
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