तुम किस चक्कर में पड़ गए,
जाना था कहाँ, तुम कहाँ पहुँच गए,
कौन सी मंजिल थी, जो तुमने सोची थी,
कौन सा रास्ता था, जिस पर चलना था,
कौन सा सपना देखा था, जो पूरा करना था,
इस दुनियाँ की चकाचौंध में,
जैसे सारे सपने बिखर गए l
Thank You.
Aman's Poetry World Blog
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