ये सब क्या हो रहा है,
दुनियाँ में इतना क्यूँ, मन खो रहा है,
माना कि दुनियाँ बदल रही है,
सबका मन अपनी तरफ खींच रही है,
ये मन पे कैसा असर हो रहा है l
सुकून के पल अब मिलते नही है,
चैन के पल अब दिखते नही है,
भागदौड़ की इस जिंदगी में,
प्यार के पल मिलते नही है,
हर कोई चलता-फिरता दिखता,
कैसा ये जीवन सफर हो रहा है l
क्या है मंजिल, कहाँ है जाना,
क्या खोया है, क्या है पाना,
पैसे की तलाश है जारी,
रब की तरफ नही है मन का जाना,
चिंताएँ यूँ ही बढ़ती है,
किन कामों में मन का लग जाना,
जीवन-सफर आसान बने ये,
कर्म हमसे ऐसा क्यूँ नही हो रहा है l
Thank You.
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