किसलिए, किसके लिए जीते हैं,
कौन जहान में है अपना,
जिसके लिए जीते हैं l
कौन जहान में है अपना,
जिसके लिए जीते हैं l
कुछ खुशियाँ तो दिल में बसी थी,
कुछ खुशियाँ बांटते जाते है,
कुछ गमों का साथ मिला है,
जिन्हें साथ लिए हम जाते हैं l
मुश्किल बड़ा दुनियाँ में जीना,
कैसा हँसना, कैसा जीना,
कौन समझता दुख दर्द दिलों के,
मुश्किल में लगता है जीना,
आशा तो मन में रखे हैं,
फिर क्यूँ निराशा साथ लिए जाते हैं l
क्या करे, क्या ना करे यहाँ,
किसके लिए क्या करे यहाँ,
दर्द कहाँ मिटता दिलों का,
जिनके लिए है दिल का खिलौना,
एक दिन तो आता है,
जब सब दर्द छोड़ चले जाते हैं l
Aman
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