मन क्यों ये, कल से चिंतित है

मन क्यों ये, कल से चिंतित है, 
मन क्यों ये, कल से भयभीत है, 
कल की फिक्र में, आज गँवाया, 
कल क्या होगा, खूब विचारा, 
दुनियाँ के कामों में उलझकर, 
मन ये क्यों, कल से व्यतीथ है  l

जो होना, वह होता ही है, 
कोशिश करना फर्ज है अपना, 
कल की फिक्र में, आज क्यों खोएं, 
कल के लिए हम, आज क्यों रोएँ,
जीवन तो ये उत्सव है  l

चलती रहती है ये दुनियाँ, 
चलते रहते हैं दुनियाँ के काम, 
चलता रहता है ये जीवन, 
मिलता रहेगा खुशी और गम, 
छोड़कर मन की निराशाएँ, 
आज से पाना सब संभव है l


Thank You. 

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