हर इंसान का सोचने, समझने और करने का तरीका अलग है, इंसान कैसे सोचता है, कैसे करता है, यह उसकी बुद्धि पर निर्भर करता है, दुनियाँ में किसको कितनी सफलता मिल पाती है, यह कहना अति कठिन है l आजकल लोग मुस्कुराना, हँसना ही भूल गए हैं, दुनियाँ के कामों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपना और अपनो का ख्याल भी नही रख पाते हैं l पैसा कमाने की कोशिश, मँहगाई के दौर में स्वयं को खुश रख पाना भी कठिन हो गया है l हर कोई एक दौड़ में लगा है कि कौन कितना आगे पहुँच सके, इससे मन की शांति तो खत्म होती जा रही है और जीवन भी कष्टभरा दिखता है विचार करने का विषय तो यह है कि इस जीवन को कैसे आसान बनाया जाए, इस जीवन की राहें कैसे आसान बनाई जाए l
Thank You.
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