सब जीते हैं दुनियाँ में,
अमीर भी गरीब भी,
सब खुश रहते हैं दुनियाँ में,
राजा भी रंक भी,
सब रहते अपनी मस्ती में,
दुनियाँ के सब जीव भी,
कुछ ऐसी दया है उस रब की,
जिंदगी बनी खुशनसीब सी l
वक़्त के साथ जिंदगी भी बदल जाती है,
नीयत अच्छी हो तो जिंदगी भी संवर जाती है,
कदम जो मंजिल की तरफ बढ़ते है,
आहिस्ता आहिस्ता मंजिल भी मिल जाती है,
जो मिला क्या वह काफी नही है,
और पाने की चाहत होती है अजीब सी l
आगे बढ़ते रहे कुछ अच्छा करते हुए,
किसी की मदद करते रहे बिना किसी स्वार्थ के,
सोच लो जिंदगी बहुत ही छोटी है,
फिर क्यूँ हमसे कोई दुखी रहे,
करो कुछ काम अच्छे कि दुनियाँ याद करती रहे l
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