धन्यवाद तेरा करता हूँ ऐ परमात्मा,
नित्य याद तुझे करता रहूँ परमात्मा,
तेरी कृपा मुझ पर होती आई है,
तेरी करुणा मुझ पर होती आई है,
नित्य तेरा शुक्र मनाता हूँ परमात्मा l
तू चाहे तो दुनियाँ में सुख शांति,
तू चाहे तो जीवों में है शांति,
तू करता खेल सारे जगत में है,
तू ही करता मेल सारे जगत से है,
तुझको ही मैं अपना कहता आया हूं,
तेरे ही गुण गाउँ नित्य परमात्मा l
बाहर भी तू अंदर भी तू जहान के मालिक,
सबके अंदर बैठा तु है हे मालिक,
तू ही करता है तू ही करवाता है,
तू ही सब देखे सब दिखलाता है,
तु ही सुनता और तू ही सुनवाता है,
तू ही देता और तू ही सब लेता है,
दया सबपे करदे ऐ परमात्मा l
Comments