और कितनी, भागदौड़ करें
और कितनी, भागदौड़ करें,
और किसके लिए, भागदौड़ करें,
एक दिन, जिंदगी खत्म हो जायेगी,
एक दिन, जिंदगी का खेल खत्म हो जायेगा,
और किसके लिए, यहाँ जीयें मरे,
कौन यहाँ सदा साथ निभायेगा,
और कितनी दिल में हसरत भरें l
लोग तो दुनियाँ में साथ छोड़ जाते हैं,
जिन्हे अपना समझो,
वो ही समझ नही पाते हैं,
जिनके लिए चिंताएँ बहुत,
वे ही साथ छोड़ जाते हैं,
सारी जिंदगी तो दुख में गुजारी,
अब किसके लिए, कितना दुख सहें l
मनचाही मंजिल सबको मिलती नही है,
जिंदगी फूल सी खिलती नही है,
हर कोई चाहता है खुशियाँ पाना,
पर सबको, सब खुशियाँ मिलती नही है,
सुकून के पल पास में हो तो,
जिंदगी फिर लगती अच्छी है,
पर एक पल का भी नही भरोसा,
अब कितनी चाहत, जग में करें l
Thank You.
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