जिससे कोई ख़ुशी नही मिली
जिससे कोई खुशी नही मिली,
उससे क्या बात करें,
जिससे जिंदगी फूल सी नही खिली,
उससे क्या बात करें l
लोग तो अपनी ही दुनियाँ में, मग्न रहते हैं,
किसके जीवन में क्या-उथल पुथल मची है,
इसकी कोई फिक्र नही है,
जिनकी चाहत लोग दिल में रखा करते हैं,
वही लोग जानबूझकर दिल दुखाया करते हैं,
जिससे कोई प्यार नही मिला,
उससे प्यार की क्या आस रखें l
ये कैसी जिंदगी है,
जो मन उदास रहता है,
कोई खुशी नही पास में रहती,
मन मुरझाया सा रहता है,
चेहरे की मुस्कुराहटें,
ना जाने कहाँ खो जाती है,
होठों की हँसी,
ना जाने गायब कहाँ हो जाती है,
जिससे कोई हँसी ना मिले,
उससे हँसने की क्या आस करें l
Thank You. Rh
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