तुम तो देख रहे हो मुझको,
तुम सब जानो, अंतर्यामी,
तुम सब समझो, सबके स्वामी,
तुम तो देते सबको जीवन,
तुम हल करते, सबकी मुश्किल,
तुम तो प्रेम करते हो सबको l
घट घट में है तेरा उजियारा,
तुम तो समझो, सबकी बोली,
तुम तो समझो, सबकी भाषा,
जल, थल, नभ में, तुम्ही विचरते,
सब सृष्टि में, तुम ही दिखते,
तुम ही ज्ञान देते हो सबको l
मूर्ख हम जो, कुछ नही समझे,
तुम तो सुनते, में जो बोलूँ,
तुम जो कहते, क्यूँ मैं नही समझू,
तेरी लीलाओं का अंत नही है,
तेरी कृपाओं का अंत नही,
तुझसे लग्न लगी है कबसे,
तेरी चाह, जगी है कबसे,
तुम ही समझ, रहे हो सबको l
Thank you.