मुझे किसी से कुछ भी गिला नही,
मुझे खुद से बहुत है शिकायतें,
मुझे खुद से बहुत है शिकायतें,
मुझे जिंदगी से कुछ भी गिला नही,
मुझे नाकामियों से है शिकायतें,
मुझे नाकामियों से है शिकायतें,
जो मिल गया, वह अनमोल है,
जो चला गया, वह इतिहास है,
मुझे किस्मत से कुछ भी गिला नही,
मुझे अपने काम से है शिकायतें l
सुधार ही लक्ष्य मेरा,
खुद में सुधार ही कर्तव्य मेरा,
यहाँ हार-जीत चलती रही,
यहाँ गम-प्रीत चलती रही,
कभी जीतता, कभी हारता,
कभी रुक गया, कभी चल पड़ा,
मुझे मंजिलों का पता नही,
मुझे चाहतों से है शिकायतें l
खुद में सुधार ही कर्तव्य मेरा,
यहाँ हार-जीत चलती रही,
यहाँ गम-प्रीत चलती रही,
कभी जीतता, कभी हारता,
कभी रुक गया, कभी चल पड़ा,
मुझे मंजिलों का पता नही,
मुझे चाहतों से है शिकायतें l
कुछ सोचकर, आगे बढ़ा,
कुछ खो गया, कुछ मिल गया,
मेरी मंजिल, मेरे करीब नही,
मंजिल से दूर चला गया,
कुछ खो गया, कुछ मिल गया,
मेरी मंजिल, मेरे करीब नही,
मंजिल से दूर चला गया,
किस्मत बदल यहाँ पाए कौन,
हिम्मत यहाँ रख पाए कौन,
आँखों में सपने बहुत हैं,
कहाँ जाना है यह भी पता नही,
छूट रही है ये जिंदगी,
मुझे अपनी नजरों से कुछ है शिकायतें l
Thank you.
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