आप जीवन को कैसे देखते हैं

आप जीवन को कैसे देखते हैं, 
आप स्वयं को कैसे देखते हैं, 
और आप दूसरों को कैसे देखते हैं, 
आप दुनियाँ को कैसे देखते हैं, 
आप जीवन को कैसे जीते हैं, 
कभी मंजिल करीब दिखती है, 
कभी मंजिल दूर दिखती है, 
कभी मन में आशाएं दिखती है, 
कभी मन में निराशाएं दिखती है, 
क्या कुछ नही पाते इस जीवन में l

सब कुछ आपके देखने पर निर्भर करता है, 
सब कुछ आपके सोचने पर निर्भर करता है, 
जैसा आप सोचते हो, वैसा आप करते हो, 
जैसा आप सोचते हो, वैसा ही आप बनते हो, 
जैसा आप देखते हो, वैसा आप करते है, 
क्या कुछ नही होता है इस जीवन में, 
क्या कुछ नही मिलता इस जीवन में l

कभी गम मिलता है, कभी खुशी मिलती है, 
कभी खुशी मिलती है, कभी उदासी मिलती है, 
कभी प्यार मिलता है, कभी नफरत मिलती है, 
कभी हँसी मिलती है, कभी बेचैनी मिलती है, 
क्या कुछ नही देखते इस जीवन में  l



Thank You. 

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