ईश्वर की जब चाह नही तो, क्या फायदा, इस जीवन का, ईश्वर को याद किया नही तो, क्या फायदा, दुनियाँ में रहने का l जगत के काम किए जाता है, रब को भूल जाता है, इस दुनियाँ से क्या पाता है, जो दुनियाँ के गुण गाता है, प्रभु का नाम, सदा शुभकारी, क्यों नही प्रभु से प्रीत लगाता है, प्रभु की शरण में हुआ नही तो, क्या फायदा, मनमौजी होने का l दुनियाँ की तो जानकारी रखी है, खुद से कितनी दूरी रखी है, ईश्वर-भजन बिना नही आनंद, गोविंद से क्यों दूरी रखी है, हरिनाम की मस्ती में हुआ नही तो, क्या फायदा निरोगी काया का l ना तो काया, साथ में जाए, ना ही माया, साथ में जाए, जगत के काम, यही रह जाए, प्रभु का नाम, साथ में जाए, प्रभु का सुमिरन किया नही तो, क्या फायदा यहाँ जीने का l Thank You.
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