ईश्वर-भजन बिना सुख नाही,
गोविंद-भजन बिना सुख नाही,
मन तडफे, दिन-रात हमेशा,
मन भटके, सुबह-शाम हमेशा,
प्रभु के नाम बिना सुख नाही l
जो जीवन को समझ ना पाए,
जग से गए फिर जगत में आए,
लाख बहाने, मन ने बनाए,
जगत में भटके, चैन ना पाए,
प्रभु के ध्यान बिना सुख नाही l
कुछ तो सोच-विचार तू करले,
ऐ मन कुछ तू धीरज धरले,
बीत रही यूँ ही जिंदगानी,
कितनी करेगा, और मनमानी,
प्रभु से प्रीत बिना सुख नाही l
Thank You.
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