मन-वचन-कर्म से, नही बुरा किसी का कीजिए,
रब से है अरदास यही, भला सभी का कीजिए,
किसी को सताने से, किसी को क्या मिल जाता है,
जीवन के कष्ट मिटाने से, आत्म-सुख मिल जाता है,
दुनियाँ में रहना है सबको, मदद एक-दूजे की कीजिए l
Thank You.
Aman's Poetry World Blog
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