दुनियाँ में, कौन तुम्हें अपना कहे

दुनियाँ में, कौन तुम्हें अपना कहे, 
दुनियाँ में, कौन तुम्हारी चाह करे, 
जो एक दूजे से करे किनारा, 
कौन लगे फिर, दुनियाँ में प्यारा, 
दुनियाँ में, कौन तुम्हारी बाँह पकड़े  l

बेगाना सा, जगत ये दिखता, 
अंजाना सा, जगत ये लगता, 
यहाँ कौन किसी के काम है आता, 
यहाँ कौन किसी के मन को भाता, 
जगत में, कौन किसी का सहारा बने  l

बेगाने अपने, कब बनते हैं, 
रिश्ता बँधे बिना, किसी के कब बनते हैं, 
यूँ तो कहते हैं, सब दुनियाँ अपनी, 
लेकिन ये दुनियाँ, कब बनती है किसी की, 
जगत में, कौन किसी का प्यारा बने  l


Thank You. 

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