होठों पर मुस्कान क्यों नही है

होंठों पर मुस्कान क्यों नही है, 
चेहरे पर हँसी क्यों नही है, 
क्या दुनियाँभर का बोझा, 
अपने सिर पर आ पड़ा है, 
क्या दुनियाँ भर की चिंता, 
अपने सिर पर लिए फिरता है, 
मन में खुशी का, 
आह्वान क्यों नही है  l

हम सब को मिली है, 
ये जिंदगी बहुत प्यारी, 
बड़ी मुश्किल से होती है, 
इस जिंदगी से यारी, 
खुशियों का खजाना, 
दिल में ही मिल जाता है, 
ये मन है पागल पंछी, 
क्यों इसे चैन नही आता है, 
इस जीवन में प्यारों से, 
क्यों प्यार नही है l

छोडकर चिंताएँ सारी, 
मुस्कुराना, सीख लीजिए, 
कुछ पल की ये जिंदगी है, 
इसमें खुश रहना, सीख लीजिए, 
दुनियाँ के काम तो होते ही रहते हैं, 
ख़ुशी को अपने मन से,
कभी नही जाने दीजिए, 
बहुत मिला है फिर भी, 
मन में चैन क्यों नही है  l



Thank You. 

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