तुमको नित्य नित्य मैं तो चाहूँ,
तेरे आगे शीश झुकाऊँ,
तुझको अपना मैं तो कहता,
इस जग को सपना कहता,
गाउँ तेरे गुण नित्य ईश्वर,
करूँ मैं तेरा ध्यान हे ईश्वर,
नित्य करूँ तेरा गुणगान l
तुम तो जानो मन की बातें,
तुम तो समझो दिल की बातें,
कुछ भी नही दुनियाँ मैं हमारा,
तेरा ही है एक सहारा,
तुम तो देख रहे हो सब कुछ,
तुम तो सुन रहे हो सब कुछ,
नही किसी से तुम अनजान l
आँखों में तेरे ही सपने,
तुम ही दिखते हो अपने,
तुम करते उद्धार जगत का,
तुम करते कल्याण सभी का,
प्रभुजी आ जाओ मन मंन्दिर में,
कर दो सुख जीवन में,
प्रभुजी रूप तेरा नही भूले,
प्रभुजी स्वरूप तेरा नही भूले,
तेरा ह्रदय में रहे स्थान l
Aman
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