कल से क्या सीखा है

कल से क्या सीखा है, यही जाना कि
हर दिन एक समान नहीं होता है, 
कभी अच्छा, कभी खराब होता, 
कभी किस्मत चमक जाती है तो
कभी किस्मत रूठ जाती है, 
कल की गलती को, आज नही दोहरायेंगें, 
कल जो खो दिया, आज नही गँवायेंगे, 
कल से यही सीखा, धीरज नही खोएंगे  l

अच्छा तो यही है कि 
मन मजबूत बना कर जीना है, 
जो चला गया उसका क्या गम है, 
जो पास है उसे संभाल लेना है, 
अपने ढंग से जीना है जहान में, 
झूठा हठ छोड़ देना है, 
जो सही समझ में आ जाता है, 
उसको आगे बढ़ा देना है, 
जब आगे बढ़ने की तमन्ना है, 
तो पीछे क्या देखना है, 
जिंदगी को खास समझकर, 
बीज प्रेम के बोयेंगें  l

जिसकी संभाल कर ना सको तो, 
वह हाथों से चली जाती है, 
जिस पर ध्यान दे दिया तो
तो वह चीज पास में आ जाती है, 
रास्तों पर मिल जाती हैं खुशियाँ, 
कुछ कुछ खबर बुरी भी आ जाती है, 
जितना साथ जो निभादे, 
उतनी ही किस्मत रह जाती है, 
जितना मिले वह काफी ही तो
बेवजह परेशान यहाँ क्यूँ  होएंगें  l

खुश रहने का एक तरीका, 
भूलो पिछला, आगे बढ़ो, 
जीवन जीने का सही तरीका, 
किसी के लिए करो, 
उम्मीद पर मत रखो, 
जो मंजिलों पर नजर जो होगी, 
सफल भी फिर तो होएंगें  l



Thank you. 









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