हे मालिक तेरा शुक्रिया,
हे दाता तेरा शुक्रिया,
अंतर्यामी, हे सुखधामी,
परबृहम, हे आनंदस्वामी,
सब जीवों के पालक रक्षक,
सब सृष्टि के जन्मदाता,
तुम ही तुम इस जग में,
अंदर बाहर तुम ही हो,
तुम ही सब देनेवाले,
तुम ही सबसे लेनेवाले,
खाली हाथ सब आते हैं,
खाली हाथ सब जानेवाले,
तुम से सब पाया है प्रभुजी,
हे गोविंद तेरा शुकिर्या l
हे दाता तेरा शुक्रिया,
अंतर्यामी, हे सुखधामी,
परबृहम, हे आनंदस्वामी,
सब जीवों के पालक रक्षक,
सब सृष्टि के जन्मदाता,
तुम ही तुम इस जग में,
अंदर बाहर तुम ही हो,
तुम ही सब देनेवाले,
तुम ही सबसे लेनेवाले,
खाली हाथ सब आते हैं,
खाली हाथ सब जानेवाले,
तुम से सब पाया है प्रभुजी,
हे गोविंद तेरा शुकिर्या l
झूठा ये जग सारा,
नाम तेरा ही सच्चा है,
जगत के काम चलते रहते,
ध्यान तेरा ही सच्चा है,
नाम तेरा ही सच्चा है,
जगत के काम चलते रहते,
ध्यान तेरा ही सच्चा है,
तु देखे, सब कुछ ही,
तुझसे नही कुछ छिप पाए,
तू जाने हाल सबका,
तुझसे कुछ नही बच पाए
तेरी दया का अंत नही प्रभु,
तेरी कृपा का अंत नही,
तेरे कर्म का अंत नही प्रभुजी,
तेरी लीला का अंत नही,
तेरी शरण में आ ही गए,
अब कर दो कल्याण प्रभुजी,
तुझसे प्रीत लग ही गई,
हे ईश्वर तेरा शुकिर्या l
माता पिता तुम ही सबके,
भाई बंधु तुम ही सबके,
तुझसे रिश्ता सबका है,
दूर नही तुम हो किसी से,
कोई माने तुझको अपना खुदा,
कोई तुझे नही माने,
सब पर तेरी कृपादृष्टि,
सब तुझसे ही, सब पाए,
कौन तुझे याद करे,
कौन भूला बैठा है,
कौन तुझसे प्रीत करे,
कौन रूठा बैठा है,
ज्ञान की आँखे देते तुम ही,
फिर अज्ञान सब मिट जाता है,
सबको अपना कहते तुम्ही,
फिर दूर कौन रह पाता है,
पर्मेश्वर् सबके मालिक,
सर्वात्मा तेरा शुकिर्या l
कुछ भी नही तुझसे अलग
फिर अलग क्यूँ लोग समझते है,
कोई नही दूर तुझसे,
फिर दूरी क्यूँ समझते हैं,
तूने रचे जीव ये सारे,
तूने जहान का निर्माण किया,
तूने बसाये लोक सभी,
बृह्मांड का निर्माण किया,
सुंदर तन, सुंदर मन,
सुंदर जीवन का निर्माण किया,
प्रकृति में रंग भरे,
सुंदरता का निर्माण किया,
दया के सागर परमात्मा,
हे विधाता, तेरा शुकिर्या l
Thank you.
Comments