Saturday, February 3, 2024

रात दिन मन का खेल चलता रहता है


रात दिन मन का 
खेल चलता रहता है, 
हर समय 
मन की भावनाओं का
सिलसिला चलता रहता है, 
कभी खुशी आती है, 
कभी गम आता है, 
कभी गुस्सा आता है, 
कभी प्यार आता है, 
कभी हँसी आती है, 
कभी रोना आता है, 
कभी कुछ मिल जाता है, 
तो कभी खो जाता है, 
कभी सपनों में तो 
कभी हकीकत में, 
ये जीवन चलता रहता है  l

कौन समझ पाता है, 
इस जीवन के चक्रव्यूह को, 
कौन देख पाता है, 
इस तन में अपनी रूह को, 
एक रास्ते से सब आते है, 
एक रास्ते से सब चले जाते हैं, 
कहाँ से आए, कहाँ है जाना, 
इसका पता किसे कहाँ चलता है  l

जन्म मरण के बीच में, 
दुनियाँ में जीव सब प्रकट है, 
जन्म से पहले, मृत्यु के बाद, 
कौन कहाँ रहता है, 
इस धरती पर रहता है या
जल में रहता है या
आकाश में रहता है या
अंधेरे में रहता है या 
प्रकाश में रहता है, 
सब जानकर भी 
क्या जान पाता है, 
सब देखकर भी 
क्या देख पाता है, 
जीवन किस खातिर मिला है, 
क्या जान कोई यहाँ पाता है  l

मन को जो कोई समझा तो
उसका बेड़ा पार हुआ, 
अपनी शक्ति को पहचाना तो 
फिर उसका उद्धार हुआ, 
जिसने प्रकृति को देखा, 
जिसने प्रकृति की ताकत को देखा, 
जिसका है विश्वास खुद पर, 
जिसका है विश्वास खुदा पर, 
वह अपनी मंजिल पर पहुँच जाता है  l


Thank you. 


Friday, February 2, 2024

आज कुछ नया सोचा जाए


आज कुछ नया सोचा जाए, 
आज कुछ नया किया जाए, 
जो पहले से कुछ अलग हो, 
कुछ चाहतें भी अलग हो, 
आज तो मन से 
बाहर निकला जाए  l

कुछ सोच ऐसी हो कि
ये न बदल जाए,
कुछ बात ऐसी हो कि
ये जीवन बदल जाए, 
कुछ निर्मल मन हो जाए, 
कुछ आजाद ये मन हो जाए, 
आज तो चिंताओं से
बाहर हुआ जाए  l

आज ना अपने बारे में
कुछ सोचना हो,
आज ना किसी के बारे में,
कुछ जानना हो, 
आज उन्मुक्त सा जीना हो, 
आज बेवजह मुस्कुराना हो, 
आज नई दिशा में मन चले, 
नई मंजिल की तरफ कदम चले, 
ना कोई फिक्र कल परसों की हो, 
आज कुछ सपनों में, 
कुछ हकीकत में जीया जाए  l

आज कुछ ध्यान हो अनंत का, 
आज शब्द सुने बृह्मांड का, 
आज शांत मन हो शांत चित, 
आज भ्रमण हो अनंत का, 
आज खामोश ये मन हो, 
और खामोश जुबाँन ये हो, 
आज मिट जाए सब लालसायें, 
आज बेवजह सा जीवन हो, 
आनंद ही आनंद् हो आज, 
और आनंदित हुआ जाए  l

Thank you. 


Thursday, February 1, 2024

कुछ तो आज मन को समझा लिया जाए


कुछ तो आज, 
मन को समझा लिया जाए, 
कुछ तो आज,
जीवन बदल लिया जाए, 
खाया बहुत धोख़ा इस मन से, 
दिया बहुत धोख़ा इस मन ने,
कभी लालच, कभी नादानी करता, 
कभी बेवजह की चाहतें करता, 
कुछ तो आज, 
मन को बदल लिया जाए  l

कल क्या खोया, आज क्या पाया, 
कितना पाया, कितना गँवाया, 
लोगों की बातों में झट से आ जावे, 
औरों को देख के ये मन ललचाए, 
कितना ये नुकसान है करता, 
कुछ तो हिसाब लगा लिया जाए  l

मन की ताकत समझ ना आए, 
क्या करवा दे यह जान ना पाए, 
जिसने मन की सारी बातें मानी, 
वह तो जीवन में धोख़ा खाए, 
इस मन के है रंग बहुत ही, 
कौन सा यह रंग दिखा दे, 
यह समझ ना आए, 
भूल कर सब गम जहान के, 
चलो जीवन को जीया जाए l

मन जो जाए गलत दिशा में, 
फिर कैसे जीवन खुशहाल बनेगा, 
मन नही देखे जब भला अपना, 
फिर कैसे चेहरे पर मुस्कुराहटें आए, 
अभ्यास और वैराग्य से, 
मन पर कुछ काबू किया जाए, 
इधर उधर की बातों से, 
मन को दूर रखा जाए, 
मन जो अमन बन जाए तो, 
फिर तो जीवन में सुख शांति आए  l


Thank you. 

हे ईश्वर, तू ही मेरा

हे ईश्वर, तू ही मेरा,  तू ही तो है सबका,  तेरा सबसे है रिश्ता,  तेरा जग से है रिश्ता,  हे गोविंद, तू ही मेरा,  तू ही तो है, सबका  l तेरा तो ...