Tuesday, March 12, 2024

हमें जीवन को समझने की आवश्यकता है

हमें जीवन को 
समझने की आवश्यकता है,  
हमें खुद को 
समझाने की आवश्यकता है, 
हम क्या चाहते हैं, 
हम क्या करना चाहते हैं, 
हमारा मन क्या चाहता है, 
हम क्या कर रहे हैं, 
हम किस दिशा में जा रहे हैं, 
हम कहाँ जा रहे हैं, 
हमें खुद को 
जानने की आवश्यकता है, 

क्या हम खुद को 
खुश कर पा रहे हैं, 
हमें क्या चाहिए, 
हमें कौन सी मंजिल चाहिए, 
जो हमें चाहिए, 
क्या वह मिलने पर
हम खुश हो पायेंगें,
क्या हम संतुष्ट हो पायेंगें, 
हमें खुद को 
पहचानने की आवश्यकता है  l
  
क्या जीवन में सिर्फ 
मुश्किलें ही आती है, 
क्या जीवन में 
खुशियाँ भी आती है, 
क्या सारे रास्ते कठिन है, 
क्या कभी कठिन रास्ते 
आसान भी बन जाते हैं, 
जब तक हम यात्रा शुरु नही करे, 
सब कुछ मुश्किल नजर आता है, 
जब हम शुरुआत करते हैं तो
सब कुछ आसान हो जाता है, 
कामयाब होने के लिए, 
कर्म और ज्ञान की आवश्यकता है  l

क्या मिला है, क्या नही मिला है, 
क्या मिलेगा, क्या नही मिलेगा, 
बेवजह परेशान रहने का 
तो कोई फायदा नही है, 
कुछ करेंगें तो कुछ पायेंगें, 
कुछ नही करेंगें तो क्या पायेंगें, 
मुश्किलें तो आती जाती, 
जिंदगी यूँ ही चलती जाती है, 
जो रोशनी हो राहों में तो, 
फिर जिंदगी मंजिल पर पहुँच जाती है, 
जिंदगी ये खूबसूरत बन जाए, 
दुनियाँ ये खूबसूरत बन जाए, 
दिल में प्यार की आवश्यकता है l

Thank you. 

Saturday, March 9, 2024

फिर खुशियों का आना हो जाए

फिर खुशियों का आना हो जाए, 
फिर जीवन ये प्यारा हो जाए, 
जब जीवन अच्छा लगने लगे, 
जब सब कुछ अच्छा लगने लगे, 
जब दिल ये सच्चा लगने लगे, 
फिर जन्नत का नजारा हो जाए  l

जब मन ये कुछ गुनगुनाने लगे,
जब मन को कुछ याद आने लगे, 
जब उमन्गों से मन भर जाए, 
जब सपनों में रंग भरे जाएँ,
जो काम करें, वह सुंदर हो फिर
किस्मत का सितारा चमक जाए  l

मन आशाओं से पूर्ण हो, 
दिल करुणा प्यार से परिपूर्ण हो, 
जब भावनाएं अच्छी हो, 
जब शुभकामनाएं अच्छी हो, 
कुछ अपने हित की बातें हो, 
कुछ औरों के हित की बातें हो, 
फिर जीने का सहारा मिल जाए  l


Thank you. 

Friday, March 8, 2024

मैं एक आत्मा हूँ

मैं एक आत्मा हूँ, 
मैं परमात्मा का अंश हूँ, 
मैं अति सूक्षम, 
अनंत परमात्मा का हिस्सा हूँ, 
मुझे यह जानना जरूरी है
कि मैं कौन हूँ, 
और परमात्मा कौन है, 
मेरे जीवन का सफर, 
आत्मा से परमात्मा तक का है, 
मुझे सूक्षम से विराट तक का
सफर तय करना है, 
मुझे सूक्षम से अनंत तक का
सफर तय करना है, 
मुझे आत्मा से परमात्मा तक का
सफर तय करना है , 
मुझे भूल जाना है
हर प्रकार के राग द्वेष को, 
मुझे छोड़ देना है 
हर प्रकार के लालच को, 
मुझे अपने हृदय को 
विराट करना है, 
मुझे अपने मन को, आँखों को 
और कानो को 
खोल कर रखना है, 
मुझे मनमर्जी के काम नही
अपितु वे काम करने है जो
परमात्मा को प्रिय हो, 
अगर जीवन में 
ईश्वर का प्रिय बन पाऊँ
तो यह जीवन धन्य हो जाए l

मुझे यह अहसास होना चाहिए 
कि मैं परमात्मा का अति प्रिय हूँ, 
और परमात्मा मेरे अति प्रिय हैं, 
मुझे समझना है कि
परमात्मा के सिवाय 
मेरा कोई हितैसी नही है, 
हाँ मैं परमात्मा से दूर इसलिए हूँ
क्योंकि मैंने दुनियाँ को 
सब कुछ अपना मान लिया है, 
मैंने यह समझ लिया है कि
संसार मेरा है और मैं संसार का हूँ, 
लेकिन संसार तो 
एक दिन छूट जायेगा और
और फिर मैं कौन से संसार में रहूँगा, 
स्वयं को जानना और 
परमात्मा को जानना
यही वास्तविक ज्ञान है  l

हे प्रभु ऐसी दया करो कि
मैं सदैव आपको नमस्कार करता हूँ, 
सदैव आपको याद करूँ 
ऐसी कृपा करना, 
सदैव आपसे प्रेम रहे ऐसी दया करना, 
मेरी आत्मा के लिए 
किसी चीज का बंधन नही रहे, 
ना मन का, ना तन का और ना धन का, 
आपकी दया से 
मैं संपूर्ण लोकों में विचरण करूँ, 
मैं मैं ना रहूँ, मेरी मैं ना रहे, 
मेरे मन में कोई भय ना रहे, 
तू मुझमें मैं तुझमें बस जाऊँ, 
एक पल भी 
तुझसे दूर नही रह पाऊँ, 
मेरी यही आशा, 
मेरी यही अभिलाषा, 
ना कुछ खोने का डर, 
ना कुछ पाने की आशा, 
इस जगत में तेरा बनकर रहूँ 
ऐसी करुणा करना  l

Thank you. 

O my God, You are great

O my God, You are great,  I am thankful to you,  You had created this world,  You had created everyone,  O my God, You super power.  It is y...