Wednesday, September 27, 2023

ऊपर बैठा तू सब कुछ देखे

 


ऊपर बैठा तू सब कुछ देखे, 
खेल खेलता तु इस दुनियाँ में, 
सबको नाच नचाता फिरता, 
तु ही लिखता किस्मत सबकी, 
तू जाने सब, सबको पहचाने, 
तू ही देता हिम्मत सबको  l

तू ही तो संसार चलाता, 
तू ही तो खुशियाँ बरसाता, 
तेरा वास है हर दिल हर घर में, 
नाम तेरा है सारी दुनियाँ में, 
तू ही तो है मंजिल सबकी, 
तू ही फैला है सारे जग में  l

सब तेरे हैं, सब में तू है, 
हर जगह पर तू ही तू है, 
धरती गगन में तेरा नूर है फैला, 
सब जीवों में तू भरपूर है फैला, 
हर कोई चाह तेरी रखता है जग ये l

Tuesday, September 26, 2023

किसने क्या कहा था




किसने क्या कहा था, कौन क्या कह रहा है, 
कौन क्या कहेगा, छोड़ो इन बातों को, 
यह देखो कि तुम क्या कह रहे हो, 
तुम क्या सोच रहे हो, 
तुम क्या महसूस कर रहे हो, 
किसी से भी आप महत्वपूर्ण हो, 
आप इस दुनियाँ में मौजूद हो, 
आप चीजों को समझते हो, 
देखते हो और  विश्लेषण करते हो, 
छोड़ो कौन क्या सोच रहा हो l

जो दुनियाँ में नही है, जो समझा नही सकते, 
उनकी बातों पर कितना विश्वास करोगे, 
किसने किस हालात में क्या बात कही होगी, 
यह आप नही जानते, आज महत्वपूर्ण है, 
आज का समय महत्वपूर्ण है, 
आज को जीना आवश्यक है, 
आज में खुश रहना आवश्यक है, 
बेवजह की बातों में पड़ने से अच्छा, 
अपने काम पर ध्यान दिया जाए, 
देखो जीवन का अमूल्य क्षण 
कम होता जा रहा है  l

मंजिल दूर भी है तो क्या हुआ, 
हमें तो चलना है, 
मुश्किलें जीवन में है तो क्या हुआ, 
हमें तो आगे बढ़ना है, 
किस्मत हमारी बदलने कोई आयेगा नही, 
हमें तो अपनी किस्मत को खुद ही बदलना है, 
चिंता करने से कष्ट कोई दूर होता नही है, 
देखो जीवन का सुनहरा पल, 
वो चला जा रहा है  l

Saturday, September 23, 2023

मैं कौन हूँ




मैं कौन हूँ, 
दुनियाँ का बेहद मुश्किल सवाल, 
लेकिन खोजना भी जरूरी, 
स्वयं को जानने के लिए, 
खुद को समझने के लिए, 
मैं मन तो नही, जो सोचता है, 
मैं दिल तो नही, जो धड़कता है, 
जो महसूस करता है, 
मैं आँख तो नही जो देखती है, 
मैं जीभ तो नही जो चखती है, 
मैं हवा तो नही श्वासों में आती जाती है, 
मैं पैर तो नही जो चलते हैं, 
मैं हाथ तो नही जो सब काम करते हैं, 
मैं जुबाँन तो नही जो बोलती है, 
मैं शरीर तो नही, 
जिसे मैंने धारण किया हुआ है, 
जिसका नाश हो जाना है, 
फिर मैं कौन हूँ, 
मैं कहाँ हूँ इस शरीर में, 
मैं वह हूँ जो बोलता हूँ, 
मैं वह हूँ जो देखता हूँ, 
मैं वह हूँ जो सुनता है, 
मैं वह हूँ जो जानता हूँ, 
मैं वह हूँ जो महसूस करता हूँ, 
मैं वह हूँ जो जो सब करता हूँ, 
मैं वह हूँ जो साँस लेता हूँ, 
मैं धड़कन में आवाज, 
मैं आँखों में प्रकाश, 
मैं मन में विश्वास, 
मैं बेहद सूक्ष्म, 
मैं अनंत का भाग, 
मैं असीम का भाग, 
मैं अखंड का भाग, 
मैं उसका भाग, 
मैं अपरंपार का हिस्सा, 
मुझे मिलना है उस अनंत से, 
मैं शब्द मिलना है उस शब्द से, 
मैं प्रकाश मिलना है उस प्रकाश से, 
मैं हूँ वह जो है वह, 
मुझे मिलना है उससे, 
जो है और सदा रहेगा, 
मैं शरीर में वहाँ हूँ, 
जहाँ महसूस होता हूँ, 
मैं रब के बेहद करीब, 
मैं खुद के बेहद करीब, 
मैं स्वयं को सुनता हूँ, 
मैं स्वयं को देखता हूँ, 
मैं स्वयं को जानता हूँ, 
मैं स्वयं को मानता हूँ 
कि में इस दुनियाँ में हूँ, 
इस शरीर में हूँ, 
मैं खुद की आवाज, 
मैं खुद का प्रकाश, 
मैं खुद का रस, 
मुझमें रब की आवाज,
मुझमें रब का प्रकाश, 
मुझमें रब का आभास, 
मेरा जीवन ये खास, 
मेरा रूप ये खास, 
मेरा स्वरूप ये खास, 
मैं दुनियाँ में आया हूँ, 
मुझे दुनियाँ से जाना है, 
खाली हाथ आया हूँ, 
खाली हाथ जाऊँगा, 
फिर काहे का घमंड, 
फिर किस बात का अंहकार, 
यही मेरी कहानी, 
यही मेरी जिंदगानी l





मुझे किसी से कुछ भी गिला नही

मुझे किसी से कुछ भी गिला नही,  मुझे खुद से बहुत है शिकायतें,  मुझे जिंदगी से कुछ भी गिला नही,  मुझे नाकामियों से है शिकायतें,  जो मिल गया, व...