ऊपर बैठा तू सब कुछ देखे,
खेल खेलता तु इस दुनियाँ में,
सबको नाच नचाता फिरता,
तु ही लिखता किस्मत सबकी,
तू जाने सब, सबको पहचाने,
तू ही देता हिम्मत सबको l
खेल खेलता तु इस दुनियाँ में,
सबको नाच नचाता फिरता,
तु ही लिखता किस्मत सबकी,
तू जाने सब, सबको पहचाने,
तू ही देता हिम्मत सबको l
तू ही तो संसार चलाता,
तू ही तो खुशियाँ बरसाता,
तेरा वास है हर दिल हर घर में,
नाम तेरा है सारी दुनियाँ में,
तू ही तो है मंजिल सबकी,
तू ही फैला है सारे जग में l
सब तेरे हैं, सब में तू है,
हर जगह पर तू ही तू है,
धरती गगन में तेरा नूर है फैला,
सब जीवों में तू भरपूर है फैला,
हर कोई चाह तेरी रखता है जग ये l
Comments