काहे की फिक्र करें हम

 

काहे की फिक्र करें हम, 
जो होना है वह होता ही है, 
जो मिलना है मिल जाता है, 
जो खोना , वह खोता ही है, 
कितनी जग में कमाई करें, 
सब इस जग में लग जाता है, 
कितना बाहर घूमते रहे, 
आखिर तो घर को आना ही है  l

कौन यहाँ पर अपना दिखता है, 
सब चेहरे पहचाने लगते हैं, 
कोई याद तो रह जाता है, 
कोई दूर हो जाता है, 
इस जीवन का काम है चलना, 
कभी सुख आना कभी जाना ही है l

कभी तो मंजिल पास है आती, 
कभी दूर हो जाती है, 
कभी खुशियाँ पल में मिल जाती, 
कभी दूर हो जाती है, 
दुख सुख का संगम है जीवन, 
फिर काहे को घबराना है  l


Comments

Popular posts from this blog

Why I am here