ये दुनियाँ चला चली का मेला,
कोई आज गया कोई कल गया,
कोई मेले में रहा अकेला ,
किसी का नही पक्का यहाँ ठिकाना l
कोई आज गया कोई कल गया,
कोई मेले में रहा अकेला ,
किसी का नही पक्का यहाँ ठिकाना l
अपनों को छोड़ के चल देते हैं,
सबको छोड़ के चल देते हैं,
जग को छोड़ के चल देते है,
मुख सबसे मोड के चल देते है,
सबको छोड़ के चल देते हैं,
जग को छोड़ के चल देते है,
मुख सबसे मोड के चल देते है,
इस दुनियाँ से चलना पड़े अकेला l
जिंदगी साथ छोड़ जाती है, किस्मत भी रूठ जाती है,
छोड़कर ये जहान दूसरे जहान में चले जाते हैं,
दुनियाँ के हर शख्स से नाता तोड़कर चले जाते हैं,
छोड़कर ये जहान दूसरे जहान में चले जाते हैं,
दुनियाँ के हर शख्स से नाता तोड़कर चले जाते हैं,
देखो ईश्वर का अजब है खेला l
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