दुनियाँ में हँसी का क्या कारण है , दुनियाँ में खुशी का क्या कारण है , अगर खुश नही हो तो खुशी तलाश लीजीये, अगर हँस नही रहे तो हँसी तलाश लीजीये, दुनियाँ में रहने का क्या कारण है । कुछ अपनापन तो मिल जाए यहाँ, कुछ जीवन तो खिल जाए यहाँ, कुछ यादें जगत में बाकी है, कुछ वादे जगत में बाकी है, कुछ जिंदगी यहाँ पर बाकी है, यहाँ जिंदा रहने का क्या कारण है । कुछ अपनी धुन में चले यहाँ, कुछ सपने पूरे करने चले यहाँ, कुछ अपनों की खातिर चले यहाँ, कुछ प्यार की खातिर चले यहाँ, चाहत भी दिल में बासी यहाँ, कुछ प्यार मिटाने चले यहाँ, कुछ खुशियाँ पाई कुछ गम पाए, फिर मायूसी का क्या कारण है । छोड़ के तू यहाँ गम सारे, दुनियाँ में मुस्कुराना सीख ले, आगे बढ़ देख जिंदगी है तेरी, तू बेमतलब का सोचना छोड़ दे, तेरे साथ चले खुशियाँ सारी, अमन तेरी मुस्कुराहट का क्या कारण है । Aman ।
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