क्या गया जो जिंदगी से, इतने जो उदास हैं, क्या हुआ जो जिंदगी में, जो खुशियाँ नही पास है, मन क्या सोचे, दिल क्या बोले, बेबसी क्यों पास है, छोड़ दे हर बात कल की, जिंदगी है चार पल की, जो जीयें नही, आज को तो, फिर खुशियाँ कहाँ फिर साथ है l लोग तो अपनी ही धुन में, करते जाते हैं, जो दिल चाहे, क्या मिलता है, क्या नही मिलता, इस बात को तो रब जाने, मुश्किलों से हारकर तो गिरना संभव है, मन को जिसने जीत लिया, उसकी कहाँ, फिर हार है l जिसके बारे में जितना सोचे, उतना उलझते जायेंगें, खुद को पहचान लिया तो फिर तो कुछ कर पायेंगें, मंजिलों की ओर तो चल पड़ा है कारवाँ, जिसने दिल मजबूत रखा, पहुँचा है वही मंजिल पर, अपने ही प्रयासों से, ये जिंदगी गुलजार है l Thank You.