दुनियाँ में कौन सुखी है
दुनियाँ में कौन सुखी है,
दुनियाँ में वही सुखी है,
जिसने प्रभुजी का नाम लिया,
दुनियाँ में प्रसन्न वही है,
जिसने प्रभुजी को याद किया,
वरना दुनियाँ की मुश्किलें,
परेशानियां, जीने नही देती,
खुश रहने नही देती,
दुनियाँ में किसकी चिंता मिटी,
जिसने भगवत-चिंतन किया है l
कुछ तो जीवन अजीब है,
कुछ लोग भी अजीब है,
जो एक-दूसरे की
परेशानियां नहीं समझते हैं,
एक दूसरे का दुःख में साथ दें
तो जिंदगी फिर हसीन है,
हम दुनियाँ से अपेक्षाएं तो करते हैं,
लेकिन उस परमात्मा को भूल जाते हैं,
जो सबका साथ देता है,
जो सबका ख्याल रखता है,
जिसने मन परमात्मा से जोड़ा है,
वह परमात्मा का हो गया है l
भगवत-भजन में जो आनंद है,
वह नही दूजे काम में,
भगवत-नाम में जो खुशियाँ है,
वह नही दूजे नाम में,
दुनियाँ के काम करते हुए,
जो उसका ही ध्यान करे,
हरि गुणगान करते हुए,
जो दुनियाँ के काम करें,
फिर तो ये जीवन,
परमात्मा का ही हो गया है l
Thank You.
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