मालिक हे दाता, हे सबके विधाता हे ईश्वर
मालिक हे दाता, हे सबके विधाता हे ईश्वर,
परम सुखदाता, आनंददाता, हे ईश्वर,
तेरी दया का अंत नही कोई पर्मेश्वर,
तेरी करुणा का, अंत नही हे जगदीश्वर l
परम प्यारा है, तेरा नजारा है सर्वात्मा,
अंदर तू बाहर है, सबमें उजागर है परमात्मा,
संतो के प्यारे हो, भक्तों के प्यारे हो, जगदात्मा,
आँखों के तारे हो, मन के उजियारे हो , विश्वात्मा,
तुम ही तो प्यारे हो, सबके सहारे हो सर्वेश्वर l
तुझमें लगाया मन, जिसने किया तेरा नाम सुमिरन,
छोड़ के छल और बल मन के, किया तुझे याद हरदम,
तुझमें श्रद्धा है जिसकी, तुझपे विश्वास जिसका,
तुझको जो अपना समझे, तुम ही बन जाते उसके,
तुम ही हमारे हो, सुख की धारा हो विश्वेश्वर l
Thank You.
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