दो पल की है ये जिंदगी
दो पल की है ये जिंदगी,
फिर क्या गम, और क्या है खुशी,
दुनियाँ में तो सबको है रहना,
फिर किसी से क्यूँ करे दुश्मनी,
हर कोई यहाँ पर, परेशान फिरे,
कोई मन से, कोई तन से है दुखी l
इस जिंदगी का ऐतबार नही,
यह कब साथ छोड़े, पता नही,
खुशियाँ भी है,
एक पल की मेहमान,
कब आई, कब चली गई,
सच्चा मीत, जहान में कौन है,
जो साथ रहे, पूरी जिंदगी l
क्या रब की इच्छा से सब हो रहा है,
या लोगों की मर्जी से हो रहा है,
किसको यहाँ पर क्या मिला है,
कोई खाली हाथ रहे,
किसी की झोली भर गई है,
परमात्मा का शुक्र करें,
जिसने दी है ये जिंदगी l
Thank You.
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