जब मैं अपने ही मन से
जब मैं अपने ही मन से परेशान हो जाता हूँ,
जब मैं अपने ही मन से हैरान हो जाता है,
लगता है जैसे, मेरी ये जिंदगी नही है,
लगता है जैसे, मुझे कोई खुशी नही है,
जब मैं अपने ही तन से परेशान हो जाता हूँ l
दुनियाँ के काम उलझन मेरी बढ़ाते हैं,
दुनियाँ के काम मुश्किलें मेरी बढ़ाते हैं,
अपने ढंग से जो मैं करना चाहता हूँ,
कई बार वह कर पाता नही हूँ,
अपने ढंग से जो मैं जीना चाहता हूँ,
वैसे मैं जी पाता नही हूँ,
बहुत बार, जीवन को, मैं समझ नही पाता हूँ l
कुछ करो, तब भी जीवन कठिन नजर आता है,
कुछ नही करो, तब भी जीवन मुश्किल नजर आता है,
कभी कभी खुद को समझा लिया करता हूँ,
कभी कभी जीवन में, कुछ पा लिया करता हूँ,
बहुत बार जीवन को मैं सँवार लिया करता हूँ l
Thank You.
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