कुछ भी करो, लेकिन किसी का दिल मत दुखाओ
दुनियाँ में अगर हम आए हैं तो, किसी की मदद करने की खातिर, किसी भी तरह से, तन से, मन से या धन से, अगर हम सोचते हैं कि किसी को दुख देकर हम सुखी रह पायेंगें, तो यह असम्भव है, किसी की मदद करके तो किसी को सुख मिल सकता है, लेकिन किसी का बुरा करके कभी सुखी नही मिल सकता, जहान में हमारे काम ऐसे होने चाहिए कि दुनियाँ वाले हमारे बाद भी हमें याद करें l हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि लोग कुछ तो तारीफ करें l
भगवान ने जो भी हमें दिया है, वह हमारे लिए तो काफी है ही, लेकिन हम अपने हिस्से से दूसरों की भी मदद कर सकते हैं बाकी यह जीवन तो क्षण भंगुर है, ना जाने कब साथ छोड़ जाए, इसलिए जितना हो सके दुनियाँ में खुश रहें और दूसरों का भी खुश रखने का प्रयत्न करें, चाहे वे हमारे अपने हो या दूसरे l ये जिंदगी बार बार नही मिलती है, और वह भी मनुष्य का शरीर l परमात्मा तो सबका ध्यान रखनेवाले हैं, क्या हम भी कभी परमात्मा को याद करते हैं, या दुनियाँ के दुख सुख में इतने मग्न हो जाते हैं कि दुनियाँ बनानेवाले को ही भूल जाते हैं l
Thank you.
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