अपनी बात कहते रहो

अपनी बात,कहते रहो, 
बात दिल में,
दबाकर मत रखो, 
किसी भी मुश्किल का, 
कुछ तो समाधान,
निकल आता है, 
चाहने से जीवन ये,
संवर जाता है, 
दिल पर कभी,
कोई बोझ मत रखो, 
दिल को साफ अगर, 
रखो तो ये जीवन, 
सुखी हो जाता है  l

कोई नही दुनियाँ में, 
किसी का दुश्मन है, 
सब अपने काम, 
यहाँ करे जाते हैं, 
अपनी आदत से, 
कुछ लोग है मजबूर यहाँ, 
कुछ अच्छे, कुछ बुरे 
काम भी कर जाते है, 
खुद में सुधार करने का,
अगर ईरादा हो, 
फिर तो जीवन ये,
बदल जाता है  l

मन, दिल और आत्मा, 
साफ अगर हो जाती है, 
फिर तो जिंदगी, 
आनंद से भर जाती है, 
पास चाहे थोड़ा हो, 
वह भी ज्यादा दिखता है, 
दुनियाँ में खुशियाँ,
लौट के वापस आती हैं, 
किसी को कष्ट देने से, 
अपना ही कष्ट बढ़ता है, 
जिंदगी खामोश रहकर भी, 
दर्द बहुत सह जाती है, 
किसी के लिए कुछ करने से, 
ये दिल हल्का हो जाता है  l

जिंदगी मिली है तो,
क्यूँ ना इसे,
सही काम में लगाएँ, 
अपना भी जीवन,
सुखमय बनाएँ, 
औरों के जीने में भी,
कुछ मदद कर पाएँ, 
अपनी जिंदगी तो,
सब जी लेते हैं यहाँ, 
कभी सुखी होकर, 
कभी दुखी होकर, 
औरों के जीने में,
कुछ तो नई चाह जगाएँ l


Thank you. 

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