Saturday, January 6, 2024

मेरे अवगुण चित्त ना धरो




















मेरे अवगुण चित्त ना धरो, 
हे गोविंद, आन मिलो, 
मुझे अपना दास करो, 
हे कृष्णा, आन मिलो, 
पारब्रह्म, हे जगत के स्वामी, 
दीनदयालु, विश्व के मालिक, 
मुझपे, अपनी कृपा करो, 
हे दाता, आन मिलो  l

सबसे उत्तम, कर्म तुम्हारे, 
सबसे प्यारे, रूप तुम्हारे, 
सबमें बसनेवाले दाता, 
जीवन में संकेत तुम्हारे, 
तुम सब देखो, सबमें देखो, 
तुम ही सबको, अपना देखो, 
नाम तेरा, प्रभुजी, पार उतारे, 
हे प्रभुजी, अपना समझ लियो  l

तुम जो सोचो, 
सबके भले की खातिर, 
तुम जो करते, 
सबके कल्याण की खातिर, 
तुमसे कुछ भी छुपा नही है, 
तुमसे कोई भी बचा नही है, 
अंतर्यामी, सब कुछ जानो, 
सबकी शक्ल, सूरत पहचानो, 
देनेवाले, सबको सब कुछ, 
हे मालिक, अपनी करुणा करो  l

तुमने भेजा सबको, 
अपने जगत में, 
तुम ही बुलाते सबको, 
अपने जगत से, 
धरती, सूरज, आकाश तुम्हारा, 
रूहों में सब प्रकाश तुम्हारा, 
तुम्ही बनाते, तुम्ही मिटाते, 
तुम्ही सबको, अपना समझते, 
तुमसे ही तो जगत ये सारा, 
हे ईश्वर, कभी तो दर्शन दियो  l


Thank you. 

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