Thursday, January 11, 2024

बहुत कमाया, बहुत गँवाया

बहुत कमाया, बहुत गँवाया, 
लेकिन जीवन समझ ना आया, 
किसकी किस्मत में क्या लिखा है, 
कुछ भी यह तो समझ ना आया, 
थौडी जिंदगी, थौडी साँसें, 
पल भर का जीना, बाकी सब बातें, 
किसलिए रहते हैं जहान में, 
मामला ये समझ ना आया  l

कभी खुशी, कभी गम
आते हैं जीवन में, 
जीवन के सुनहरे पल 
खो जाते हैं दुनियाँ में, 
मिट जाती दुनियाँ की यादें, 
पर खत्म ना होती मन की बातें, 
चार दिन की जिंदगी में, 
कौन है अपना, कौन पराया  l

चलते रहें तो ही हैं अच्छा, 
आगे बढ़ते रहे, तो ही हैं अच्छा, 
कल को भूलें, आज को जीयें, 
चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर जीयें, 
झूठी जिद्द का नही है फायदा, 
दिल को साफ करके जीयें, 
मंजिलों की ओर कदम हो, 
फिर क्या खोया और क्या है पाया  l

वह खुदा, तकदीर सबकी लिखता है, 
वही सबके जीवन में खुशियाँ भरता है, 
उसकी मर्जी से सब ठीक यहाँ, 
जैसा वह चाहे कर देता है यहाँ, 
उसकी सारे जग पे है हकूमत, 
वो ही करता सारे जग को उज्ज्वल, 
मुश्किलें वही हरनेवाला, 
दुख दूर वही तो  मिटानेवाला, 
उसकी बातें सबसे निराली, 
उसने ही सब खेल रचाया  l


Thank you. 

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