भूलकर सब गम जहान के,
चले आसमान की ओर,
सोच अगर ऊँची हो,
तो जीने में मजा है,
मन चिंताओं से
बाहर हो तो,
तो जीने का मजा है,
अनंत जहान है,
अनंत आसमान है,
चले अनंत की ओर l
कुछ तो नया हो जीवन में,
कुछ बात नई हो जीवन में,
कुछ आँखों मे सपने हो,
कुछ यादों के सपने हो,
मन हो जैसे पंख लगाए,
आजाद मन ये झूमता जाए,
बेफिक्री का जीवन हो,
छोड़े सारे झूठे भ्रम,
उम्मीदों की किरणों के सहारे,
चले मंजिलों की ओर l
सारे जहान को अपना समझे,
हर जीव से अपना रिश्ता समझे,
कोई नही बेगाना लागे,
जीवन ये खुशियों भरा लागे,
जीने की हो नई तमन्ना,
छोड़ दे मन की सब व्यथा,
देखें जग में अच्छा ही तो,
सोचें कुछ अच्छा ही तो,
दूर दूर तक जाएँ निगाहें,
देखे नही दोष किसी के,
जीवन बढ़े मुक्ति की ओर l
मन बन जाए आजाद कुछ,
अपनी मर्जी में जीना हो,
दिल में हो कुछ नई उमंगें,
दिल अलबेला रंगीला हो,
ऐसी सोच बने कि जैसे,
दुनियाँ में सब कुछ मिल गया,
पंख लगाकर मन ये उड़ता,
जैसे हंस के समान हो,
ऐसा जीवन महसूस करे कि
जैसे पाया कभी ना हो,
छूट जाए मन की तृष्णा,
शांत सा ये मन हो,
चल पड़े है कदम जैसे
शून्य आकाश की ओर l
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