रामजी की नगरी, प्यारी लागे आज,
अयोध्या नगरी प्यारी लागे,
गली गली आज फूलों से सजी है,
हर घर में दीवाली मनी है,
रामजी आएँ है आज अपने घर में,
लौट के आए हैं सरयू के तट पर,
अयोध्या की हवाएँ मतवारी लागे आज l
दीप जलाओ, मंगल गाओ,
घर को अपने फूलों से सजाओ,
खुशियों की घड़ियाँ आई है,
मन मन्दिर में अमन्गे छाई है,
राम भजन हर कोई गा रहा,
राम गुण हर कोई गा रहा,
राम जी यादें प्यारी लागे आज l
राम भजो रे, रामनाम जपो रे,
रामजी का महिमा, गान करो रे,
राम की प्रीत तो सारे जगत पर,
रामजी से अब प्रीत करो रे,
राम गुण गावन की शुभ बेला,
राम के उत्सव में
शामिल होय लियो आज l
जगत के मालिक, जगत के स्वामी,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम ब्रह्मांड के स्वामी,
अंतर्यामी प्रभु राम विश्व के पालक,
सब जीवों के मालिक, देवों के मालिक,
अनभिज्ञ नही कोई राम की शक्ति से,
देखे राम सब अंतर्यामी,
रामनाम से सराबोर जगत है,
रामजी की लीला प्यारी लागे आज l
Thank you.
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