जब कभी जिंदगी आवाज देती है,
रुक जाओ, ठहर जरा पास में तो बैठो,
हम दुनियाँ में खूब घूमते है,
खुद को व्यस्त रखते है,
लेकिन जिंदगी की कद्र नही करते,
वो सुनहरे पल खो देते है,
जो हमारे पास होते है,
जिंदगी को जीते नही,
जहान भर के काम करते है,
दुनियाँ की भाग दौड़ में,
मन को सुकून मिलता नही,
परेशान होकर घूमते है,
मगर दिल पल भर चैन पाता नही,
किसलिए हम है यहाँ और
किसके लिए है,
क्या करने आए थे और
क्या कर रहे है,
क्या पाया, क्या खोया,
कितना खाया कितना पीया,
फिर भी भूख बाकी है,
सब मिला, फिर भी कुछ बाकी है,
सपने जिंदगी के क्या और भी बाकी है,
चेहरे पर मुस्कान आनी क्या अभी बाकी है,
जिंदगी में चैन मिला तो सब मिला,
जिन्दगी में प्यार मिला तो सब मिला तो सब मिला,
जिंदगी से प्यार मिला तो फिर क्या पाना बाकी है l
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