हरि के भजन बिना सुख नाही
हरि के भजन बिना सुख नाही,
हरि के नाम बिना सुख नाही,
ईश्वर तेरे काज सँवारे,
गोविंद तेरे जन्म सुधारे,
प्रभु के ध्यान बिना सुख नाही l
उसकी ही है जगत में माया,
उसने दी है सुंदर काया,
उसके खेल निराले जगत में,
उसके मेल निराले जगत में,
एक वो है हमराही l
प्रभु-प्रेम में जी ले प्राणी,
क्या फायदा जीने का बनकर अज्ञानी,
सुंदर जीवन पाया तूने,
क्यों खोता है इसे बनकर अज्ञानी,
अमन तेरी सब चिंता मिट जाए,
तू प्रभु की शरणागत हो जाई l
Thank You.
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