जब दिल ना लगे तेरी दुनियाँ में, जब खुशी ना मिले तेरी दुनियाँ में, जब दिल घबराये तेरी दुनियाँ में, जब मन ना लगे तेरी दुनियाँ में l जैसे जीने की ईच्छा ही नही, जैसे हँसने की चाहत ही नही, लगे दुनियाँ से अब चलना है, लगे छोड़ के सब कुछ चलना है, जब कोई मंजिल ना दिखे तेरी दुनियाँ में l लगे टूट गए जब सारी सपने, लगे छूट गए जब सारे अपने, जब तन्हाई में जीना हो, जब मन में कोई ना सपना हो, लगे चलना है तेरी दुनियाँ से l तुझे अपना समझते जाना है, तुझसे मिलने को जाना है, जब याद तू ही तो आता है, लगे तुझसे ही बस नाता है, जब आँखें तरसे तेरी दुनियाँ में l लगे श्रृष्टि में तू अपना है, तुझसे मिलने का सपना है, सब काम छोड़कर दुनियाँ के, सब मोह छोड़कर दुनियाँ के, जब चलना पड़े तेरी दुनियाँ से l
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