तुमने कहाँ से यात्रा शुरू की थी

तुमने कहाँ से यात्रा शुरू की थी, 
और कहाँ पहुँचे हो, 
अब कहाँ हो, और कहाँ तुम्हे जाना है, 
किस चीज की तलाश थी, 
क्या मिल गया, 
और क्या तुम्हे पाना है l

माना कि दुनियाँ
हरदम किसी का हरदम साथ नही है, 
अधिकतर सफर में अकेले ही चलना पड़ता है, 
कोई राह में साथी मिलता है तो कुछ पल के लिए, 
वरना राह में सब साथ छोड़ जाते हैं l

जिंदगी इतनी नही कि हजारों साल जीयें, 
कुछ पल की, कुछ सालों की छोटी सी जिंदगी है ये, 
अधूरी सी जिंदगी जीने का भी क्या फायदा, 
जीना है तो इस जिंदगी को खुलकर जीयो l



Thank You. 

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