इस दुनियाँ के कामों में,
उलझा फिरता है जीवन ये,
बेमतलब की बातों में,
उलझा फिरता है जीवन ये,
कुछ अलग करना चाहता है,
लेकिन कुछ कर नही पाता है,
दुनियाँ की बातों में,
उलझा चला जाता है,
दुनियाँ में अनमोल समय,
खो देता है जीवन ये l
क्या करना है, क्या करता है,
और क्या करना चाहता है,
क्या सोचा है, क्या सोचता,
और क्या सोचना चाहता है,
रास्ते भी अनजाने हैं,
मंजिल का कोई पता नही,
क्या चाहता है, और क्या मिलेगा,
इसका भी कोई पता नही,
लोगों के साथ चलकर के,
परेशान फिरता है जीवन ये l
इस दुनियाँ में सुकून किसे है,
किसके मन में चैन यहाँ,
एक दूसरे पर सब निर्भर है,
किसको मिलता है सुख-चैन यहाँ,
आँखों के सपने भी धुंधले,
क्या दुनियाँ में पायेगा,
दूर-दूर के ढोल सुहाने,
कैसे मन बहलायेगा,
प्यार के रास्ते पर चलकर,
पाता जाता है मंजिल ये l
Thank You.
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