कौन तुम्हारे दिल के करीब है,
भगवान् या इंसान या कोई और जीव,
कौन तुम्हे संसार में सबसे प्यारा है,
किसे तुम, दिन-रात याद करते हो,
कौन तुम्हारे दिल से निकलता ही नही,
किसे तुम बताते हो, किसे तुम छुपाते हो,
या दिल तुम्हारा, बिल्कुल साफ है,
या मन तुम्हारा, बिल्कुल साफ है,
जैसे साफ दर्पण, जैसे साफ पानी,
खुद को तुम कैसे देखते हो,
जीवन को तुम कैसे देखते हो,
किस चीज का तुम्हे ज्ञान है,
किस चीज का तुम्हे ज्ञान नही है,
किस चीज की तुम्हे जानकारी नही है,
किस चीज को तुम जानना चाहते हो,
किस चीज को तुम जानना नही चाहते हो,
क्या तुमने स्वयं को समझ लिया है,
क्या तुम स्वयं को समझना चाहते हो,
क्या तुम दुनियाँ को जानना चाहते हो,
या केवल स्वयं में मग्न रहना चाहते हो,
वास्तव में अच्छा तो यही है कि
हम स्वयं को जाने, स्वयं को समझे,
अपनी गलतियों को सुधारे,
और आज अगर कुछ गलत आदतें
हमने अपना रखी हैं, उनको छोड़ें,
अपने तन-मन को स्वस्थ रखें,
अपने जीवन को खुशहाल बनाएँ l
Thank You.
Thank You.
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