एक दार्शनिक, क्या देखता है,
एक विचारवान व्यक्ति क्या सोचता है,
भविष्य देखता है,
भविष्य के बारे में सोचता है,
जीवन को कैसे उत्तम बनाया जाए,
दुनियाँ को कैसे सुंदर बनाया जाए,
दुनियाँ में लोगों के लिए
कैसे सुविधा बनाई जाए वह सोचता है,
कैसे योजनाएं बनाई जाए,
किस तरह से लोगों के जीवन की मुश्किलें
आसान हो वह सोचता है l
एक दार्शनिक, प्रकृति का आनंद लेता है,
मन को निर्मल एवं साफ रखता है,
बहुत दूर को देखता है,
और स्वयं और औरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करता है,
वह किसी भी प्रकार से किसी के भी प्रति
राग-द्वेष की भावना नही रखता है,
उसका जीवन वास्तव में परहित के लिए होता है l
शांत मन, शांत स्वभाव,
दूसरों की निंदा-बुराई से बचना, इनके लक्षण होते हैं
किसी भी प्राणी को किसी से
किसी भी प्रकार का शारिरिक एवं मानसिक कष्ट ना देना,
वास्तव में एक दार्शनिक,
अपने जीवन को कवितमय बना लेता है,
और दुख और सुख की सितथि में समान रहता है,
परमात्मा में श्रद्धा और विश्वास,
परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए सब कर्म,
यही तो उनके जीवन के महान लक्ष्य होते हैं
जो उन्हे इस संसार में महान बनाते हैं l
Thank You.
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