हम क्या चाहते हैं,
और लोग हमसे क्या चाहते है,
हमारी क्या ख्वाइशें हैं
और लोग हमसे क्या करवाना चाहते हैं,
इस तरह दुनियाँ में लोग
क्या अपनी मर्जी से कुछ कर भी नही सकते,
क्या अपनी मर्जी से हम जी भी नही सकते,
क्या हमारी यह जिंदगी हमारी मर्जी से चलती है,
या दूसरों की मर्जी से चलती है,
क्या लोग खुद के सपने पूरे नही कर पाते हैं l
क्या मुश्किलें जिंदगी को
और मुश्किल बना देती है या
मुश्किलें खत्म हो जाने पर
जिंदगी और आसान बन जाती है,
उलझने आती भी है जिंदगी में,
और सुलझ भी जाती है,
जिंदगी अगर दुख पाती है तो
दुख चले जाने पर सुखी भी हो जाती है,
क्या हमारे सपने,
हमारे प्रयासों से पूरे होते हैं या
दूसरों के सहयोग से पूरे हो पाते हैं l
कदम चल पड़े हैं तो
मंजिल मिल ही जाती है,
अगर आगे हम बढ़ चले हैं तो,
सफलता मिल ही जाती है,
दूसरे क्या कहते हैं,
इस बात की परवाह क्यों करें हम,
जो हम सही समझते हैं वही करें हम,
अगर हमारा मन शांत है तो
जिंदगी संवर ही जाती है l
Thank You.
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