Tuesday, February 27, 2024

कभी सोचो, क्या खोया, क्या पाया



कभी सोचो, क्या खोया, 
क्या पाया, इस दुनियाँ में, 
कभी सोचो, क्या चाहा, 
क्या मिला, इस दुनियाँ से, 
जिंदगी सँवारने से, 
और संवरती है, 
जिंदगी प्यार करने से, 
और प्यारी बनती है,
किस्मत खराब नही होती, 
कभी किसी की, 
जिंदगी आगे बढ़ने से,
और चमकती है l

मन में जब कोई उमंग ही नही,
तो जीवन में कोई आनंद नही,
जब मन ये मरा मरा सा है, 
तो जीवन में कोई रस नही, 
जब मन ये जिंदा दिखता है, 
तो जीवन में हलचल हुई, 
जब जीवन प्रगति पथ पर है, 
तो हर पल आगे बढ़ने की 
ताकत मिलती है  l

चल पड़े हैं कदम उस तरफ, 
जहाँ प्यार की सौग़ातें हैं, 
कुछ सोचकर रुक गए तो, 
बिना सोचे फिर आगे बढ़े हैं, 
इस व्यस्त संसार में, 
चिंताओं के बाजार में, 
क्या मिला, क्या खो गया है, 
क्या चाहा था, 
क्या नही मिल सका है, 
सोच अगर सही रही है, 
फिर जीवन में 
खुशियाँ ही खुशियाँ है  l

जब हर पल को 
जीया ही नही,
तो समझो दुनियाँ में 
रहा ही नही,
जब जीवन को 
जीया ही नही, 
फिर जीवन से 
कुछ पाया ही नही, 
जिसने कुछ करने का 
ठान लिया है, 
उसके लिए 
कोई मुश्किल ही नही, 
जिसने सोच लिया है 
ये करूँगा मैं, 
उसे नई जिंदगी मिलती है  l


Thank you. 

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